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[[Category:नज़्म]]
<poem>
क्यों तेरे ग़म-ए-हिज्र <ref>जुदाई के दुख में</ref> में नमनाक <ref>आर्द्र,नमी से भरी हुई</ref> हैं पलकें
क्योंकि याद तेरी आते ही तारे निकल आए
दिल दर्द से ख़ाली हो मगर नींद न आए
शायर हैं फ़िराक़ आप बड़े पाए के <ref>धुरंधर/ref> लेकिन
रक्खा है अजब नाम, कि जो रास न आए
</poem>हिज्र = जुदाई, नमनाक = नमी से भरी, बड़े पाए के = धुरंधर{{KKMeaning}}