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माँ कह एक कहानी / मैथिलीशरण गुप्त
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12:29, 6 सितम्बर 2009
कोई निरपराध को मारे तो क्यों अन्य उसे न उबारे?<br>
रक्षक पर भक्षक को वारे, न्याय दया का दानी।"<br>
"न्याय दया का दानी! तूने
गुणी
गुनी
कहानी।"<br><br>
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