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अक्ल | अक्ल |
02:20, 9 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण
सीधी चढ़ाई में
सांस तो फूलती है
अक्ल
ख़ुद को भूलती है
दीवानगी की बस्ती में
पहुंचकर ही
कुछ पाता है
अक्ल का मारा
आदमी।