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20:47, 9 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण
सूई की नोक भर विश्वास था मन में।
सूई की नोक पर बैठी रही रात भर।
चुभता रहा मन में अपना ही विश्वास
सहती गई रात भर।