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"वसंत घर आ गया / कन्हैयालाल नंदन" के अवतरणों में अंतर
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अतसि नील गोटे की | अतसि नील गोटे की |
19:02, 28 मार्च 2011 के समय का अवतरण
अतसि नील गोटे की
सरसों सी पीली-पीली
पुण्य पीत साड़ी में वेष्टित
नवनीत गात
कोंपलों-सी रक्त आभ अधरों पर लिए हुए
तार झीनी बोली में
कोयल-सा गा गया।
क्षण क्षण बदलती सौंदर्य की छायाओं-सा
जीवन के पतझड़ में
कोई मुस्का गया
वासंती छवि का
समंदर लहरा गया
लगा
कि जैसे वसंत घर आ गया।