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वह कैसे कहेगी – हाँ!
 
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उसके अनुरक्त नेत्र
 
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उसके उदग्र-उत्सुक कुचाग्र
 
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उसकी देह की चकित धूप
 
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14:00, 4 अक्टूबर 2009 का अवतरण

Lotus-48x48.png  सप्ताह की कविता   शीर्षक: वह कैसे कहेगी
  रचनाकार: अशोक वाजपेयी
वह कैसे कहेगी – हाँ!

हाँ कहेंगे
उसके अनुरक्त नेत्र
उसके उदग्र-उत्सुक कुचाग्र
उसकी देह की चकित धूप

उसके आर्द्र अधर
कहेंगे – हाँ

वह कैसे कहेगी – हाँ ?