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पहली अनुभूति: गीत नहीं गाता हूँ
बेनक़ाब चेहरे हैं,
गीत नहीं जाता हूँ
दूसरी अनुभूति: गीत नया गाता हूँ
टूटे हुए तारों से फूटे बासंती स्वर
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