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"मौत आई इश्क़ में / अकबर इलाहाबादी" के अवतरणों में अंतर
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02:02, 6 अप्रैल 2011 के समय का अवतरण
मौत आई इश्क़ में तो हमें नींद आ गई
निकली बदन से जान तो काँटा निकल गया
बाज़ारे-मग़रिबी की हवा से ख़ुदा बचाए
मैं क्या, महाजनों का दिवाला निकल गया