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घिन तो नहीं आती है / नागार्जुन
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16:50, 24 अक्टूबर 2009
कुली मज़दूर हैं
बोझा ढोते हैं , खींचते हैं ठेला
धूल धुआँ
भाफ
भाप
से पड़ता है साबका
थके मांदे जहाँ तहां हो जाते हैं ढेर
सपने में भी सुनते हैं धरती की धड़कन
अनिल जनविजय
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