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"हरो जन की भीर / मीराबाई" के अवतरणों में अंतर

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हरि तुम हरो जन की भीर।<br>
 
हरि तुम हरो जन की भीर।<br>
 
द्रोपदी की लाज राखी, चट बढ़ायो चीर।।<br>
 
द्रोपदी की लाज राखी, चट बढ़ायो चीर।।<br>

19:24, 24 जून 2009 के समय का अवतरण

हरि तुम हरो जन की भीर।
द्रोपदी की लाज राखी, चट बढ़ायो चीर।।
भगत कारण रूप नर हरि, धरयो आप समीर।।
हिरण्याकुस को मारि लीन्हो, धरयो नाहिन धीर।।
बूड़तो गजराज राख्यो, कियौ बाहर नीर।।
दासी मीरा लाल गिरधर, चरणकंवल सीर।।