Changes

ऎसा आदमी था मैं / असद ज़ैदी

No change in size, 12:53, 30 अगस्त 2015
{{KKCatKavita}}
<poem>
ऎसा ऐसा आदमी था मैं कि हॊंठ होंठ नहीं थे
बोल नहीं सकता था जो सोचता था
कि अन्दर ही अन्दर ख़ुश रहता था
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
54,669
edits