भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"पिता-4 / चंद्र रेखा ढडवाल" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Pratishtha (चर्चा | योगदान) |
|||
पंक्ति 5: | पंक्ति 5: | ||
}} | }} | ||
{{KKCatKavita}} | {{KKCatKavita}} | ||
+ | {{KKAnthologyPita}} | ||
<poem> | <poem> | ||
00:55, 19 अप्रैल 2011 के समय का अवतरण
पिता (चार)
पिता !
मेरी विवशता देखो
मेरे अभियान के रास्तों का पता तुम हो
उन पर क़दम-क़दम बढ़ते पैरों का
हौसला तुम हो
और मेरी अभीष्ट भी
तुम ही हो.