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"जो हवा में है / उमाशंकर तिवारी" के अवतरणों में अंतर

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जो हवा में है, लहर में है
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जो हवा में है,  
क्यों नहीं वह बात मुझमें है
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लहर में है
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क्यों नहीं वह बात,
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मुझमें है?
  
शाम कन्धों पर लिये अपने
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शाम कन्धों पर लिए अपने
जिन्दगी के रू ब रू चलना
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ज़िन्दगी के रू--रू चलना
रोशनी का हमसफर होना
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रोशनी का हमसफ़र होना
वक़्त की कन्दील का जलना
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उम्र की कन्दील का जलना
आग जो जलते सफ़र में है
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क्यों नहीं वह बात मुझमें है।
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रोज सूरज की तरह उगना
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आग जो
शिखर पर चढ़ना,उतर जाना
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जलते सफ़र में है
घाटियों पर रंग भर जाना
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क्यों नहीं
फिर सुरंगों से गुजर जाना
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वह बात मुझमें है?
जो हँसी कच्ची उमर में है
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क्यों नहीं वह बात मुझमें है।
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रोज़ सूरज की तरह उगना
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शिखर पर चढ़ना, उतर जाना
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घाटियों में रंग भर जाना
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फिर सुरंगों से गुज़र जाना
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जो हँसी  
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कच्ची उमर में है
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क्यों नहीं वह बात  
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मुझमें है?
  
 
एक नन्हीं जान चिडि़या का
 
एक नन्हीं जान चिडि़या का
 
डा़ल से उड़कर हवा होना
 
डा़ल से उड़कर हवा होना
सात रंगों की लिये दुनिया
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सात रंगों की लिए दुनिया
 
वापसी में नींद भर सोना
 
वापसी में नींद भर सोना
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जो खुला आकाश स्वर में है
 
जो खुला आकाश स्वर में है
क्यों नहीं वह बात मुझमें है।
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क्यों नहीं वह बात  
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मुझमें है?
 
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20:17, 16 जनवरी 2010 के समय का अवतरण

जो हवा में है,
लहर में है
क्यों नहीं वह बात,
मुझमें है?

शाम कन्धों पर लिए अपने
ज़िन्दगी के रू-ब-रू चलना
रोशनी का हमसफ़र होना
उम्र की कन्दील का जलना

आग जो
जलते सफ़र में है
क्यों नहीं
वह बात मुझमें है?

रोज़ सूरज की तरह उगना
शिखर पर चढ़ना, उतर जाना
घाटियों में रंग भर जाना
फिर सुरंगों से गुज़र जाना

जो हँसी
कच्ची उमर में है
क्यों नहीं वह बात
मुझमें है?

एक नन्हीं जान चिडि़या का
डा़ल से उड़कर हवा होना
सात रंगों की लिए दुनिया
वापसी में नींद भर सोना

जो खुला आकाश स्वर में है
क्यों नहीं वह बात
मुझमें है?