भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"आलम ऐन / कृश्न कुमार 'तूर'" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
पंक्ति 16: | पंक्ति 16: | ||
|विविध=-- | |विविध=-- | ||
}} | }} | ||
− | |||
*[[मैं मंज़र हूँ पस मंज़र से मेरा रिश्ता बहुत / कृश्न कुमार 'तूर']] | *[[मैं मंज़र हूँ पस मंज़र से मेरा रिश्ता बहुत / कृश्न कुमार 'तूर']] | ||
*[[अपनी अपनी अना के दोनों दम आशार / कृश्न कुमार 'तूर']] | *[[अपनी अपनी अना के दोनों दम आशार / कृश्न कुमार 'तूर']] | ||
पंक्ति 24: | पंक्ति 23: | ||
*[[साहिल से बीच समंदर गहरा पानी / कृश्न कुमार 'तूर']] | *[[साहिल से बीच समंदर गहरा पानी / कृश्न कुमार 'तूर']] | ||
*[[मैं तो इक पत्थर हूँ अपने आँगन में / कृश्न कुमार 'तूर']] | *[[मैं तो इक पत्थर हूँ अपने आँगन में / कृश्न कुमार 'तूर']] | ||
− | *[[इक आईना ख़ुद के बराबर क्या कम है | + | *[[इक आईना ख़ुद के बराबर क्या कम है / कृश्न कुमार 'तूर']] |
− | + | ||
*[[आख़िर है पुतलियों का तमाशा ज़रा-सी देर / कृश्न कुमार 'तूर']] | *[[आख़िर है पुतलियों का तमाशा ज़रा-सी देर / कृश्न कुमार 'तूर']] | ||
− | *[[ / कृश्न कुमार 'तूर']] | + | *[[सामने अपने आपको ज़िन्दा कम देखा / कृश्न कुमार 'तूर']] |
*[[ / कृश्न कुमार 'तूर']] | *[[ / कृश्न कुमार 'तूर']] | ||
*[[ / कृश्न कुमार 'तूर']] | *[[ / कृश्न कुमार 'तूर']] |
19:59, 24 दिसम्बर 2009 का अवतरण
आलम ऐन
रचनाकार | कृश्न कुमार 'तूर' |
---|---|
प्रकाशक | |
वर्ष | 2005 |
भाषा | उर्दू |
विषय | ग़ज़ल संग्रह(शेरी मज्मूआ) |
विधा | |
पृष्ठ | 112 |
ISBN | |
विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
- मैं मंज़र हूँ पस मंज़र से मेरा रिश्ता बहुत / कृश्न कुमार 'तूर'
- अपनी अपनी अना के दोनों दम आशार / कृश्न कुमार 'तूर'
- ज़ीस्त की सारी आन-बान फ़ना आमादा / कृश्न कुमार 'तूर'
- मैं इक ख़ाली कश्ती दरिया और है अब / कृश्न कुमार 'तूर'
- बे-मंज़र इस दुनिया को इक मंज़र दे / कृश्न कुमार 'तूर'
- साहिल से बीच समंदर गहरा पानी / कृश्न कुमार 'तूर'
- मैं तो इक पत्थर हूँ अपने आँगन में / कृश्न कुमार 'तूर'
- इक आईना ख़ुद के बराबर क्या कम है / कृश्न कुमार 'तूर'
- आख़िर है पुतलियों का तमाशा ज़रा-सी देर / कृश्न कुमार 'तूर'
- सामने अपने आपको ज़िन्दा कम देखा / कृश्न कुमार 'तूर'
- / कृश्न कुमार 'तूर'
- / कृश्न कुमार 'तूर'
- / कृश्न कुमार 'तूर'
- / कृश्न कुमार 'तूर'
- / कृश्न कुमार 'तूर'
- / कृश्न कुमार 'तूर'
- / कृश्न कुमार 'तूर'
- / कृश्न कुमार 'तूर'
- / कृश्न कुमार 'तूर'
- / कृश्न कुमार 'तूर'
- / कृश्न कुमार 'तूर'
- / कृश्न कुमार 'तूर'
- / कृश्न कुमार 'तूर'
- / कृश्न कुमार 'तूर'
- / कृश्न कुमार 'तूर'
- / कृश्न कुमार 'तूर'
- / कृश्न कुमार 'तूर'
- / कृश्न कुमार 'तूर'
- / कृश्न कुमार 'तूर'
- / कृश्न कुमार 'तूर'
- / कृश्न कुमार 'तूर'
- / कृश्न कुमार 'तूर'
- / कृश्न कुमार 'तूर'
- / कृश्न कुमार 'तूर'
- / कृश्न कुमार 'तूर'
- / कृश्न कुमार 'तूर'
- / कृश्न कुमार 'तूर'
- / कृश्न कुमार 'तूर'
- / कृश्न कुमार 'तूर'
- / कृश्न कुमार 'तूर'
- / कृश्न कुमार 'तूर'
- / कृश्न कुमार 'तूर'
- / कृश्न कुमार 'तूर'
- / कृश्न कुमार 'तूर'
- / कृश्न कुमार 'तूर'
- / कृश्न कुमार 'तूर'
- / कृश्न कुमार 'तूर'
- / कृश्न कुमार 'तूर'
- / कृश्न कुमार 'तूर'