भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"चंदन सा बदन चंचल चितवन / इंदीवर" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Sandeep Sethi (चर्चा | योगदान) (पृष्ठ से सम्पूर्ण विषयवस्तु हटा रहा है) |
Sandeep Sethi (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
+ | {{KKGlobal}} | ||
+ | {{KKRachna | ||
+ | |रचनाकार=इंदीवर | ||
+ | }} | ||
+ | [[Category:गीत]] | ||
+ | <poem> | ||
+ | चंदन सा बदन चंचल चितवन | ||
+ | धीरे से तेरा ये मुस्काना | ||
+ | मुझे दोष न देना जग वालों - (२) | ||
+ | हो जाऊँ अगर मैं दीवाना | ||
+ | चंदन सा ... | ||
+ | ये काम कमान भँवे तेरी | ||
+ | पलकों के किनारे कजरारे | ||
+ | माथे पर सिंदूरी सूरज | ||
+ | होंठों पे दहकते अंगारे | ||
+ | साया भी जो तेरा पड़ जाए - (२) | ||
+ | आबाद हो दिल का वीराना | ||
+ | चंदन सा ... | ||
+ | |||
+ | तन भी सुंदर मन भी सुंदर | ||
+ | तू सुंदरता की मूरत है | ||
+ | किसी और को शायद कम होगी | ||
+ | मुझे तेरी बहुत ज़रूरत है | ||
+ | पहले भी बहुत मैं तरसा हूँ - (२) | ||
+ | तू और न मुझको तरसाना | ||
+ | चंदन सा ...</poem> |
22:12, 28 फ़रवरी 2010 का अवतरण
चंदन सा बदन चंचल चितवन
धीरे से तेरा ये मुस्काना
मुझे दोष न देना जग वालों - (२)
हो जाऊँ अगर मैं दीवाना
चंदन सा ...
ये काम कमान भँवे तेरी
पलकों के किनारे कजरारे
माथे पर सिंदूरी सूरज
होंठों पे दहकते अंगारे
साया भी जो तेरा पड़ जाए - (२)
आबाद हो दिल का वीराना
चंदन सा ...
तन भी सुंदर मन भी सुंदर
तू सुंदरता की मूरत है
किसी और को शायद कम होगी
मुझे तेरी बहुत ज़रूरत है
पहले भी बहुत मैं तरसा हूँ - (२)
तू और न मुझको तरसाना
चंदन सा ...