"मिट्टी दा बावा (1) / पंजाबी" के अवतरणों में अंतर
Sandeep Sethi (चर्चा | योगदान) |
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सानूं गल नाल लाजा वे | सानूं गल नाल लाजा वे | ||
मेरा सोहणा माही, आजा वे | मेरा सोहणा माही, आजा वे | ||
− | </poem>||width="300" bgcolor=" | + | </poem>||width="300" bgcolor="CEF0FF"|<poem>मिटटी दा मैं बावा बनाणीआं |
उत्ते चा दिन्नी आं खेसी | उत्ते चा दिन्नी आं खेसी | ||
वतनां वाले माण करन | वतनां वाले माण करन |
09:42, 28 फ़रवरी 2010 का अवतरण
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--इस लोकगीत में एक पत्नी अपने परदेसी पति को याद कर रही है। अभी उसके कोई संतान भी नहीं है तो वो खुद को बहुत अकेला महसूस करती है।--
मिटटी दा मैं बावा बनाणीआं |
मिटटी दा मैं बावा बनाणीआं |