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"होंठों से छू लो तुम / इंदीवर" के अवतरणों में अंतर
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Sandeep Sethi (चर्चा | योगदान) छो (मिल के बिछुड़ गईं अँखियाँ / रतन का नाम बदलकर होंठों से छू लो तुम / इंदीवर कर दिया गया है) |
(कोई अंतर नहीं)
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22:04, 28 फ़रवरी 2010 के समय का अवतरण
होंठों से छू लो तुम, मेरा गीत अमर कर दो
बन जाओ मीत मेरे, मेरी प्रीत अमर कर दो
न उमर की सीमा हो, न जनम का हो बंधन
जब प्यार करे कोई, तो देखे केवल मन
नई रीत चलाकर तुम, ये रीत अमर कर दो
होंठों से छूलो तुम ...
जग ने छीना मुझसे, मुझे जो भी लगा प्यारा
सब जीता किये मुझसे, मैं हर दम ही हारा
तुम हार के दिल अपना, मेरी जीत अमर कर दो
होंठों से छूलो तुम ...
आकाश का सूनापन, मेरे तनहा मन में
पायल छनकाती तुम, आ जाओ जीवन में
साँसें देकर अपनी, संगीत अमर कर दो
होंठों से छूलो तुम ...