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"इस घर में / नवीन सागर" के अवतरणों में अंतर
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20:47, 2 मई 2010 का अवतरण
इस घर में घर से ज्यादा धुआँ
अँधेरे से ज्यादा अँधेरा
दीवार से बड़ी दरार।
इस घर में मलबा बहुत
जिसमें से साँस लेने की आवाज़ लगातार
आलों में लुप्त ज़िंदगियों का भान
चीज़ों में थकान।
इस घर में सब बेघर
इस घर में भटके हुए मेले
मकड़ी के जालों में लिपटे हुए
इस घर में
झुलसे हुए रंगों के धब्बे
सपनों की गर्द पर बच्चों की उँगलियों के निशान।
इस घर में नींद से बहुत लम्बी रात।