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"भगवान के डाकिए / रामधारी सिंह "दिनकर"" के अवतरणों में अंतर

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और वह सौरभ हवा में तैरते हुए
 
और वह सौरभ हवा में तैरते हुए
  
पक्षियों के पंखों पर तैरता है।
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पक्षियों की पाँखों पर तिरता है।
  
 
और एक देश का भाप
 
और एक देश का भाप

13:30, 29 मई 2010 का अवतरण

पक्षी और बादल,

ये भगवान के डाकिए हैं

जो एक महादेश से

दूसरें महादेश को जाते हैं।

हम तो समझ नहीं पाते हैं

मगर उनकी लाई चिट्ठियाँ

पेड़, पौधे, पानी और पहाड़

बाँचते हैं।


हम तो केवल यह आँकते हैं

कि एक देश की धरती

दूसरे देश को सुगंध भेजती है।

और वह सौरभ हवा में तैरते हुए

पक्षियों की पाँखों पर तिरता है।

और एक देश का भाप

दूसरे देश में पानी

बनकर गिरता है।