Changes

बोले --'भड़क रही लौ मन की
फूँकूँ फिर लंका रावण की
जी करता है , माता!
 
'कहाँ छिपे थे ये राक्षस तब!
रजक डूबा दूँ सरजू में सब
माँ, ! तेरा अपमान और अब
मुझसे सहा न जाता'
2,913
edits