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"चली जल को सीता सुकुमारी / गुलाब खंडेलवाल" के अवतरणों में अंतर
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फिर पति के सँग निकली वन को | फिर पति के सँग निकली वन को | ||
चित्रकूट पर फिर दर्शन को | चित्रकूट पर फिर दर्शन को | ||
− | जुड़े अवध-नर-नारी | + | जुड़े अवध-नर-नारी |
फिर कंचन-मृग मन को भाया | फिर कंचन-मृग मन को भाया | ||
प्रभु को धनु-शर ले दौड़ाया | प्रभु को धनु-शर ले दौड़ाया | ||
देवर से हठ स्मृति में आया | देवर से हठ स्मृति में आया | ||
− | गली ग्लानि की मारी | + | गली ग्लानि की मारी |
दिखे भालु-कपि शीश झुकाये | दिखे भालु-कपि शीश झुकाये | ||
लौटी अवध, हर्ष फिर छाये | लौटी अवध, हर्ष फिर छाये | ||
टूटा ध्यान, नयन भर आये | टूटा ध्यान, नयन भर आये | ||
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चली जल को सीता सुकुमारी | चली जल को सीता सुकुमारी | ||
रघुकुल-वधू, प्रिया-त्रिभुवननायक की, जनक-दुलारी | रघुकुल-वधू, प्रिया-त्रिभुवननायक की, जनक-दुलारी | ||
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04:03, 22 जुलाई 2011 के समय का अवतरण
चली जल को सीता सुकुमारी
रघुकुल-वधू, प्रिया-त्रिभुवननायक की, जनक-दुलारी
उभरे चित्र विकल कर मन को
फिर पति के सँग निकली वन को
चित्रकूट पर फिर दर्शन को
जुड़े अवध-नर-नारी
फिर कंचन-मृग मन को भाया
प्रभु को धनु-शर ले दौड़ाया
देवर से हठ स्मृति में आया
गली ग्लानि की मारी
दिखे भालु-कपि शीश झुकाये
लौटी अवध, हर्ष फिर छाये
टूटा ध्यान, नयन भर आये
फिरी लिए घट भारी
चली जल को सीता सुकुमारी
रघुकुल-वधू, प्रिया-त्रिभुवननायक की, जनक-दुलारी