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"बांची तो थी मैंने / कन्हैयालाल नंदन" के अवतरणों में अंतर
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बांची तो थी मैंने खण्डहरों में लिखी हुई इबारत | बांची तो थी मैंने खण्डहरों में लिखी हुई इबारत |
08:00, 3 जून 2010 का अवतरण
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बांची तो थी मैंने खण्डहरों में लिखी हुई इबारत
लेकिन मुमकिन कहाँ था उतना उस वक्त ज्यो का त्यो याद रख पाना
और अब लगता है कि बच नहीं सकता मेरा भी इतिहास बन जाना
कि बांचा तो जाउंगा लेकिन जी न पाउंगा