भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"गुनह करेंगे / अशोक चक्रधर" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
छो
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
रचनाकार: [[अशोक चक्रधर]]
+
{{KKGlobal}}
[[Category:कविताएँ]]
+
{{KKRachna
[[Category:अशोक चक्रधर]]
+
|रचनाकार=अशोक चक्रधर
 
+
}}
~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*
+
  
 
हम तो करेंगे  
 
हम तो करेंगे  

09:12, 26 फ़रवरी 2008 का अवतरण

हम तो करेंगे


गुनह करेंगे

पुनह करेंगे।

वजह नहीं

बेवजह करेंगे।


कल से ही लो

कलह करेंगे।

जज़्बातों को

जिबह करेंगे

निर्लज्जों से

निबह करेंगे

सुलगाने को

सुलह करेंगे।

हम ज़ालिम क्यों

जिरह करेंगे

संबंधों में

गिरह करेंगे

रस विशेष में

विरह करेंगे

जो हो, अपनी

तरह करेंगे

रात में चूके

सुबह करेंगे

गुनह करेंगे

पुनह करेंगे