Changes

<poem>
नीरा! तुम लो दोपहर की स्वच्छता
लो रात की दूरियांदूरियाँ
तुम लो चन्दन-समीर
लो नदी किनारे की कुंआरी कुँआरी मिट्टी की िस्नग्ध स्निग्ध सरलता
हथेलियों पर नींबू के पत्तों की गंध
नीरा, तुम घुमाओ अपना चेहरा
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
54,282
edits