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"गुड़िया-11 / नीरज दइया" के अवतरणों में अंतर

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(कोई अंतर नहीं)

22:43, 22 जुलाई 2010 के समय का अवतरण

तुम्हारे भीतर
और भीतर
उतरने की चाह
अब भी जिंदा है

कब तक रहोगी
किनारों से लिपटी तुम
एक दिन तुम्हें
जब छोड़ कर किनारे
बीच भंवर में
आना ही होगा
अपनी जिंदगी ढूँढने।