"जयतु मध्यप्रदेशः / शास्त्री नित्यगोपाल कटारे" के अवतरणों में अंतर
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+ | स्थितौ प्रहरी इवारण्यौ सतपुड़ा विन्ध्याचलौ ।। | ||
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− | + | आदर्शाः राजनयिकानां सत्य न्याय प्रजाप्रियाः | |
− | + | भोपालमस्य राजधानी वनखण्ड परिवेष्टिता । | |
− | + | विविधाः सांस्कृतिक केन्द्राः इन्दौरे च जबलपुरे ।। | |
− | + | पचमढीव प्रकृति सौन्दर्यं खजुराहो इव कलाकृतिः । | |
− | + | स्वर्गः पर्यटकानां कला सौन्दर्य ज्ञानिनाम् ।। | |
− | + | उज्जयिन्यां महाकालं सांची ओंकारेश्वरम् । | |
− | + | मोक्षदः तीर्थ यात्रिभ्यः संमिलति कुम्भमेलकः ।। | |
− | + | माखनलाल चतुर्वेदी परसाई हरिशंकरः । | |
− | + | भवानीप्रसाद मिश्रश्च भूमिः साहित्यधर्मिणाम् ।। | |
− | + | शिवराजसिंह चौहानः नेतृत्वे मुख्यमन्त्रिणः | |
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00:17, 3 अगस्त 2010 का अवतरण
बुन्देलं च बघेलखण्डं निमाणं मालवादिनाम् ।
पवित्र भूमेर्जातः मध्यप्रदेशस्तु कथ्यते ।।
परमाति विशालोऽयं प्रदेशो मध्यभारतः ।
कृष्णा उर्वरा भूमिः युक्तो वन खनिज सम्पदाभिः ।।
बहन्ति नर्मदा चम्बल नद्यः वेत्रवत्यादयः ।
स्थितौ प्रहरी इवारण्यौ सतपुड़ा विन्ध्याचलौ ।।
भोजो विक्रमादित्यः अहिल्या दुर्गावती ।
आदर्शाः राजनयिकानां सत्य न्याय प्रजाप्रियाः
भोपालमस्य राजधानी वनखण्ड परिवेष्टिता ।
विविधाः सांस्कृतिक केन्द्राः इन्दौरे च जबलपुरे ।।
पचमढीव प्रकृति सौन्दर्यं खजुराहो इव कलाकृतिः ।
स्वर्गः पर्यटकानां कला सौन्दर्य ज्ञानिनाम् ।।
उज्जयिन्यां महाकालं सांची ओंकारेश्वरम् ।
मोक्षदः तीर्थ यात्रिभ्यः संमिलति कुम्भमेलकः ।।
माखनलाल चतुर्वेदी परसाई हरिशंकरः ।
भवानीप्रसाद मिश्रश्च भूमिः साहित्यधर्मिणाम् ।।
शिवराजसिंह चौहानः नेतृत्वे मुख्यमन्त्रिणः
विकासशीलः चाग्रसरः नित्यं उन्नति पथे ।।