भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"आत्महत्या / काका हाथरसी" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: परमात्मा ने आत्मा बख़्शी है श्रीमान । करे आत्महत्या उसे समझो मू…)
 
 
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
परमात्मा ने आत्मा बख़्शी है श्रीमान
+
{{KKGlobal}}
 
+
{{KKRachna
करे आत्महत्या उसे समझो मूर्ख महान
+
|रचनाकार=काका हाथरसी
 
+
|अनुवादक=
समझो मूर्ख महान बुरे दिन वापस जाएँ
+
|संग्रह=काका के व्यंग्य बाण / काका हाथरसी
 
+
}}
अटल नियम है दु:ख के बाद सुखानन्द आएँ
+
{{KKCatKavita}}
 
+
<poem>
मिली आत्मा, प्रभु की समझो इसे अमानत
+
परमात्मा ने आत्मा बख़्शी है श्रीमान  
 
+
करे आत्महत्या उसे समझो मूर्ख महान  
लानत उन्हें अमानत में जो करें खयानत
+
समझो मूर्ख महान बुरे दिन वापस जाएँ  
 
+
अटल नियम है दु:ख के बाद सुखानन्द आएँ  
ईश्वर ने जीवन दिया, किया उसे स्वीकार |
+
मिली आत्मा, प्रभु की समझो इसे अमानत  
 
+
लानत उन्हें अमानत में जो करें खयानत
भाग्यहीन कुछ सरफिरे, करें मौत से प्यार ||
+
ईश्वर ने जीवन दिया, किया उसे स्वीकार  
 
+
भाग्यहीन कुछ सरफिरे, करें मौत से प्यार  
करें मौत से प्यार, जवाँ लड़के आते हैं |
+
करें मौत से प्यार, जवाँ लड़के आते हैं
 
+
उग्रवाद आतंकवाद में घुस जाते हैं  
उग्रवाद आतंकवाद में घुस जाते हैं ||
+
करें देश से द्रोह, विदेशी राह पर भटकें  
+
कोई जेल में सड़ें, कोई फाँसी पर लटकें  
करें देश से द्रोह, विदेशी राह पर भटकें |
+
</poem>
 
+
कोई जेल में सड़ें, कोई फाँसी पर लटकें ||
+

12:13, 18 सितम्बर 2014 के समय का अवतरण

परमात्मा ने आत्मा बख़्शी है श्रीमान
करे आत्महत्या उसे समझो मूर्ख महान
समझो मूर्ख महान बुरे दिन वापस जाएँ
अटल नियम है दु:ख के बाद सुखानन्द आएँ
मिली आत्मा, प्रभु की समझो इसे अमानत
लानत उन्हें अमानत में जो करें खयानत
ईश्वर ने जीवन दिया, किया उसे स्वीकार
भाग्यहीन कुछ सरफिरे, करें मौत से प्यार
करें मौत से प्यार, जवाँ लड़के आते हैं
उग्रवाद आतंकवाद में घुस जाते हैं
करें देश से द्रोह, विदेशी राह पर भटकें
कोई जेल में सड़ें, कोई फाँसी पर लटकें