गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
दुःस्वप्न / शास्त्री नित्यगोपाल कटारे
157 bytes added
,
04:23, 21 अगस्त 2010
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=शास्त्री नित्यगोपाल कटारे
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
राम जाने क्यों हुआ दुःस्वप्न दर्शन
गीदड़ों के सामने हरि का समर्पण
चीरकर गहरे अनिश्चय बादलों को
प्रखर तैजस युक्त भास्कर उदित होगा
</poem>
Dkspoet
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
19,164
edits