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"मेरे समाज की हालत / शेरजंग गर्ग" के अवतरणों में अंतर
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मेरे समाज की हालत सही-सही मत पूछ | मेरे समाज की हालत सही-सही मत पूछ | ||
कहाँ-कहाँ से गया टूट आदमी मत पूछ | कहाँ-कहाँ से गया टूट आदमी मत पूछ | ||
− | सुकून ढूँढती | + | सुकून ढूँढती आँखों में बेशुमार सवाल |
− | हसीन आरज़ू | + | हसीन आरज़ू आख़िर कहाँ गई मत पूछ |
हरेक शख़्स है शामिल जहाँ नौटंकी में | हरेक शख़्स है शामिल जहाँ नौटंकी में | ||
− | वहाँ है | + | वहाँ है कामुदी ज़्यादा या त्रासदी मत पूछ |
− | ख़ुदी के नाम पर | + | ख़ुदी के नाम पर ख़ुदग़र्ज़ियों की बन आई |
महान देश ने कर ली क्यों ख़ुदकशी मत पूछ | महान देश ने कर ली क्यों ख़ुदकशी मत पूछ | ||
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17:27, 18 सितम्बर 2010 के समय का अवतरण
मेरे समाज की हालत सही-सही मत पूछ
कहाँ-कहाँ से गया टूट आदमी मत पूछ
सुकून ढूँढती आँखों में बेशुमार सवाल
हसीन आरज़ू आख़िर कहाँ गई मत पूछ
हरेक शख़्स है शामिल जहाँ नौटंकी में
वहाँ है कामुदी ज़्यादा या त्रासदी मत पूछ
ख़ुदी के नाम पर ख़ुदग़र्ज़ियों की बन आई
महान देश ने कर ली क्यों ख़ुदकशी मत पूछ