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20:52, 24 सितम्बर 2010 का अवतरण
राजेंद्र नाथ 'रहबर'
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जन्म | 5 नवंबर 1931 |
---|---|
उपनाम | 'रहबर' |
जन्म स्थान | शकरगढ़,पंजाब, अब पाकिस्तान में |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
मल्हार, तेरे ख़ुश्बू में बसे ख़त, और शाम ढल गई, याद आऊँगा | |
विविध | |
ब्लाग : http://rehbarsaheb.blogspot.com/ | |
जीवन परिचय | |
राजेंद्र नाथ रहबर / परिचय |
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- तुम जन्नते कश्मीर हो तुम ताज महल हो / राजेंद्र नाथ 'रहबर'
- दिल को जहान भर के मुहब्बत में गम़ मिले / राजेंद्र नाथ 'रहबर'
- फेर कर मुंह आप मेरे सामने से क्या गये / राजेंद्र नाथ 'रहबर'
- दिल ने जिसे चाहा हो क्या उस से गिला रखना / राजेंद्र नाथ 'रहबर'
- जो शख्स़ भी तहज़ीबे-कुहन छोड़ रहा है / राजेंद्र नाथ 'रहबर'
- भला ऐसी भी आख़िर बेरुख़ी क्या / राजेंद्र नाथ 'रहबर'
- तय करें मिल के हम तुम ब`हम रास्ता / राजेंद्र नाथ 'रहबर'
- / राजेंद्र नाथ 'रहबर'
- करते रहेंगे हम भी ख़ताएं नई नई / राजेंद्र नाथ 'रहबर'
- सफ़र को छोड़ कश्ती से उतर जा / राजेंद्र नाथ 'रहबर'
- क्या क्या सवाल मेरी नज़र पूछती रही / राजेंद्र नाथ 'रहबर'
- यही है जग की रीत पपीहे / राजेंद्र नाथ 'रहबर'
- बे-सबब ही उदास हो जाना / राजेंद्र नाथ 'रहबर'
- शाम कठिन है रात कड़ी है / राजेंद्र नाथ 'रहबर'
- मर्क़जे-हर निगाह बन जाओ / राजेंद्र नाथ 'रहबर'
- क्या करे एतिबार अब कोई / राजेंद्र नाथ 'रहबर'
- तेरे ख़ुश्बू में बसे ख़त / राजेंद्र नाथ रहबर
- याद आऊंगा / राजेंद्र नाथ रहबर
- इक आग तनबदन में लगाती है चांदनी / राजेंद्र नाथ रहबर
- ग़ाज़े हैं नए और हैं रुख़सार पुराने / राजेंद्र नाथ रहबर
- किसी तन्हा जज़ीरे पर उतर जा / राजेंद्र नाथ रहबर
- तह्ज़ीब हो न जाये नीलाम बस्तियों में / राजेंद्र नाथ रहबर
- शाम कठिन है रात कड़ी है / राजेंद्र नाथ रहबर
- कानों में गूंजती हैं सदाएं नई नई/ राजेंद्र नाथ रहबर
- ऐ दोस्त फिर मिलेंगे अगर ज़िंदगी रही / राजेंद्र नाथ रहबर
- किस ने दिल के मिज़ाज को जाना / राजेंद्र नाथ रहबर
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