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सैरे-जहाँ
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रचनाकार | शहरयार |
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प्रकाशक | वाणी प्रकाशन, 21-ए, दरिया गंज, नयी दिल्ली-110002 |
वर्ष | 2001 |
भाषा | उर्दू-हिंदी |
विषय | |
विधा | ग़ज़लें और नज़्में |
पृष्ठ | 159 |
ISBN | 81-7055-797-6 |
विविध | ग़ज़लों और नज़्मों का उर्दू से लिप्यांतर ख़ालिद हैदर एवं मुक़्तेदा हुसैन नक़वी द्वारा |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
- दामे-उल्फ़त से छूटती ही नहीं / शहरयार
- हौसला दिल का निकल जाने दे / शहरयार
- तुझको खोकर क्यों ये लगता है / शहरयार
- चाहता कुछ हूँ मगर लब पे दुआ / शहरयार
- हुआ ये क्या कि ख़ामोशी भी गुनगुनाने लगी / शहरयार
- अब वक़्त जो आने वाला है किस तरह गुज़रने वाला है / शहरयार
- सुनता हूँ कि नहीं इनकारी है इस बात से / शहरयार
- जहाँ तक होगा जब तक होगा दिल बहलाएँगे / शहरयार