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जैसे चींटियां लौटती हैं
 
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बिलों में
 
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कठफोड़वा लौटता है
 
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काठ के पास
 
काठ के पास
 
 
वायुयान लौटते हैं एक के बाद एक  
 
वायुयान लौटते हैं एक के बाद एक  
 
 
लाल आसमान में डैने पसारे हुए
 
लाल आसमान में डैने पसारे हुए
 
 
हवाई अड्डे की ओर
 
हवाई अड्डे की ओर
 
  
 
ओ मेरी भाषा
 
ओ मेरी भाषा
 
 
मैं लौटता हूं तुम में
 
मैं लौटता हूं तुम में
 
 
जब चुप रहते-रहते  
 
जब चुप रहते-रहते  
 
 
अकड़ जाती है मेरी जीभ
 
अकड़ जाती है मेरी जीभ
 
 
दुखने लगती है
 
दुखने लगती है
 
 
मेरी आत्मा
 
मेरी आत्मा
 
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'अकाल में सारस' नामक कविता-संग्रह से
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11:18, 19 जनवरी 2009 का अवतरण

जैसे चींटियां लौटती हैं
बिलों में
कठफोड़वा लौटता है
काठ के पास
वायुयान लौटते हैं एक के बाद एक
लाल आसमान में डैने पसारे हुए
हवाई अड्डे की ओर

ओ मेरी भाषा
मैं लौटता हूं तुम में
जब चुप रहते-रहते
अकड़ जाती है मेरी जीभ
दुखने लगती है
मेरी आत्मा