गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
साख भरै सबद / नीरज दइया
182 bytes added
,
20:15, 23 अक्टूबर 2010
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=नीरज दइया
|संग्रह=
}}
[[Category:मूल राजस्थानी भाषा]]
{{KKCatKavita}}
<
poem
Poem
>दरद रै सागर मांय
म्हैं डूबूं-तिरूं
कोई नीं झालै-
अनिल जनविजय
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
54,146
edits