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आयो घोष बड़ो व्यापारी / देवेन्द्र आर्य
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12:39, 18 जून 2020
क्या तुम जीते क्या मैं हारी
भूख
हिकारत
हिक़ारत
और
गरीबी
ग़रीबी
किसको कहते हैं
खुद्दारी
ख़ुद्दारी
?
दुनिया की सुंदरतम् कविता
सोंधी रोटी, दाल बघारी
</Poem>
Abhishek Amber
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