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"छात री बात / विनोद स्वामी" के अवतरणों में अंतर

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<poem>छात रै मोरै मांखर
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छात रै मोरै मांखर
 
सूरज देख्यो म्हारै कानी
 
सूरज देख्यो म्हारै कानी
 
बोल्यो-  
 
बोल्यो-  

20:50, 31 अक्टूबर 2010 का अवतरण

छात रै मोरै मांखर
सूरज देख्यो म्हारै कानी
बोल्यो-
बाळ देस्यूं
छात मुळकी म्हारै कानी
अर बोली-
सूत्या रैवो, सूत्या रैवो
ओ तो इयां ई करै!