भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"जाँ निसार अख़्तर" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Pratishtha (चर्चा | योगदान) |
Pratishtha (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 39: | पंक्ति 39: | ||
* [[रुखों के चांद, लबों के गुलाब मांगे है / जाँ निसार अख़्तर]] | * [[रुखों के चांद, लबों के गुलाब मांगे है / जाँ निसार अख़्तर]] | ||
* [[रुबाइयाँ / जाँ निसार अख़्तर]] | * [[रुबाइयाँ / जाँ निसार अख़्तर]] | ||
+ | * [[एहसास / जाँ निसार अख़्तर]] |
02:52, 10 जनवरी 2009 का अवतरण
जाँ निसार अख़्तर
जन्म | 14 फ़रवरी 1914 |
---|---|
निधन | 19 अगस्त 1976 |
उपनाम | |
जन्म स्थान | ग्वालियर, मध्य प्रदेश, भारत |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
नज़रे-बुताँ, सलासिल, जाँविदां, घर आँगन, ख़ाके-दिल, तनहा सफ़र की रात | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
जाँ निसार अख़्तर / परिचय |
- तनहा सफ़र की रात / जाँ निसार अख़्तर
- अशार मेरे यूँ तो / जाँ निसार अख़्तर
- फ़ुरसत-ए-कार फ़क़त चार घड़ी है यारो / जाँ निसार अख़्तर
- हम से भागा न करो दूर / जाँ निसार अख़्तर
- हर एक रूह में एक ग़म छुपा लगे है मुझे / जाँ निसार अख़्तर
- जब लगे ज़ख़्म तो / जाँ निसार अख़्तर
- कौन कहता है / जाँ निसार अख़्तर
- मौज-ए-गुल मौज-ए-सबा / जाँ निसार अख़्तर
- पूछ न मुझसे दिल के फ़साने / जाँ निसार अख़्तर
- रही है दाद तलब उनकी शोखियां / जाँ निसार अख़्तर
- सौ चांद भी चमकेंगे / जाँ निसार अख़्तर
- सुबह के दर्द को / जाँ निसार अख़्तर
- सुबह की आस / जाँ निसार अख़्तर
- तमाम उम्र अज़ाबों का / जाँ निसार अख़्तर
- ज़माना आज नहीं / जाँ निसार अख़्तर
- ज़रा सी बात पे हर रस्म / जाँ निसार अख़्तर
- उजड़ी-उजड़ी हुई हर आस लगे / जाँ निसार अख़्तर
- हर लफ़्ज़ तिरे जिस्म की खुशबू में ढला है / जाँ निसार अख़्तर
- इसी सबब से हैं शायद / जाँ निसार अख़्तर
- ऐ दर्द-ए-इश्क़ तुझसे मुकरने लगा हूँ मैं / जाँ निसार अख़्तर
- वो आँख अभी दिल की कहाँ बात करे है / जाँ निसार अख़्तर
- ज़िन्दगी ये तो नहीं, तुझको सँवारा ही न हो / जाँ निसार अख़्तर
- अश्आर मिरे यूँ तो ज़माने के लिए हैं / जाँ निसार अख़्तर
- हमने काटी हैं तिरी याद में रातें अक्सर / जाँ निसार अख़्तर
- रुखों के चांद, लबों के गुलाब मांगे है / जाँ निसार अख़्तर
- रुबाइयाँ / जाँ निसार अख़्तर
- एहसास / जाँ निसार अख़्तर