गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
मुझे तो वही रूप है प्यारा / गुलाब खंडेलवाल
3 bytes removed
,
20:13, 19 जुलाई 2011
जब रथचक्र उठा तुमने कौरव-दल को ललकारा
मन
मन
तो राधा को अर्पित था
सखा-भाव अर्जुन के हित था
पर जो कालरूप घोषित था
दिखा
उसी के
उसीके
द्वारा
शिव थे तब समाधि से जागे
Vibhajhalani
2,913
edits