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जब रथचक्र उठा तुमने कौरव-दल को ललकारा
 
 मन मन तो राधा को अर्पित था
सखा-भाव अर्जुन के हित था
पर जो कालरूप घोषित था
दिखा उसी के उसीके द्वारा
 
शिव थे तब समाधि से जागे
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