Changes

सत्य सृष्टि के आधार, योगी मुनि प्राणाधार, तू ही सुन पुकार ||
शिवदीन प्रभु निर्विकार, पूर्ण ब्राह्म तेज सार, तू ही कर सुधार ||
<poem.>
514
edits