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सवाल में बवाल / काका हाथरसी

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{{KKGlobal}}{{KKRachna|रचनाकार=काका हाथरसी|अनुवादक=|संग्रह=काका के व्यंग्य बाण / काका हाथरसी}}{{KKCatKavita}}<poem>रिंग रोड पर मिल गए नेता जी बलवीर  
कुत्ता उनके साथ था पकड़ रखी जंजीर ॥
 पकड़ रखी जंजीर अल्शेशियन था वह कुत्ता ।  नेता से दो गुना भौंकने का था बुत्ता ॥ हमने पूछा, कहो, आज कैसे हो गुमसुम ।  इस गधे को लेकर कहाँ जा रहे हो तुम नेता बोले क्रोध से करके टेढ़ी नाक ।  कुत्ता है या गधा है, फूट गईं हैं आँख ॥ फूट गईं हैं आँख, नशा करके आए हो ।  
बिना बात सुबह-सुबह लड़ने आए हो ॥
 हमने कहा कि कौन आपसे जूझ रहे हैं ।  
यह सवाल तो हम कुत्ते से पूछ रहे हैं ॥
</poem>
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