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सांग:– कंवर निहालदे– नर सुल्तान & (अनुक्रमांक – 38 )
'''थारी बीरां की जात नै, किसतै नहीं दगा कमाया ।। टेक ।।'''
नाहुकसुर का जाया भूप, भूप ययाति खेलण गया शिकार,
एक ब्राहम्ण शुक्र की लड़की, नाम देवयानी नार,
कुएं मै पड़ी रोवै थी, राजा नै कढ़ाई बहार,
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