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दर-ओ-दीवार से टपके है बयाबाँ होना<br><br>
वा-ए-दीवान्गीदीवानगी-ए-शौक़ के हर दम मुझ को<br>
आप जाना उधर और आप ही हैराँ होना<br><br>
जल्वा अज़बस के तक़ाज़तक़ाज़ा-ए-निगह करता है<br>
जौहर-ए-आईन भी चाहे है मिज़ग़ाँ होना<br><br>
ले गये ख़ाक में हम दाग़-ए-तमन्ना-ए-निशात<br>
तू हो और आप बसदरन्गब-सदरंग-ए-गुलिस्ताँ होना<br><br>
इश्रत-ए-पारा-ए-दिल, ज़ख़्म-ए-तमन्नाख़ानातमन्ना ख़ाना<br>
लज़्ज़त-ए-रीश-ए-जिगर ग़र्क़-ए-नमक्दाँ होना<br><br>
की मेरे क़त्ल के बाद उस ने जफ़ा से तौबा<br>
हाये उस ज़ोदपशेमाँ ज़ूदपशेमाँ का पशेमाँ होना<br><br>
हैफ़ उस चार गिरह कपड़े की क़िस्मत 'गा़लिबग़ालिब'<br>
जिस की क़िस्मत में हो आशिक़ का गरेबाँ होना <br><br>