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*[[घूमती है दर-ब-दर ले कर पटारी ज़िन्दगी / पवनेन्द्र पवन]]
*[[ख़ून ऐसा मुँह लगा है, जंगलों को पार कर / पवनेन्द्र पवन]]
*[[उछल कर आसमाँ तक जब गिरा बाज़ार चुटकी में / पवनेन्द्र पवन]]
*[[यही आभास होता है शहर से आके गाँवों में / पवनेन्द्र पवन]]
*[[अपना-अपना ख़ुदा नहीं होता / पवनेन्द्र पवन]]
*[[राह में ठोकर का सामाँ हाथ मे ख़ंजर लगे / पवनेन्द्र पवन]]
*[[है ढोंग पुण्य का कमाई पाप की तरह / पवनेन्द्र पवन]]
*[[मायूस उसके दर से हो अपनी तौहीन से / पवनेन्द्र पवन]]