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हत्यारों का आगमन / अशोक लव

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पागल हवा
बाल खोले चिल्लाती रही
कोई नहीं आया |
सूरज ने आकर देखा
पगडंडियों पर
पत्तों के गोली बिंधे शव
बिछे पड़े थे |
</poem>
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