भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"ज़िंदगी ! ऐ ज़िंदगी ! / फ़राज़" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
 
पंक्ति 25: पंक्ति 25:
 
* [[जब तेरी याद के जुगनू चमके / फ़राज़]]
 
* [[जब तेरी याद के जुगनू चमके / फ़राज़]]
 
* [[हर एक बात न क्यों ज़हर-सी हमारी लगे  / फ़राज़]]
 
* [[हर एक बात न क्यों ज़हर-सी हमारी लगे  / फ़राज़]]
* [[ऐसे चुप हैं कि ये मंजिल भी कड़ी हो जैसे / फ़राज़]]
+
* [[ऐसे चुप हैं के ये मंज़िल भी कड़ी हो जैसे / फ़राज़]]
 
* [[रंजिश ही सही दिल ही दुखाने के लिए आ  / फ़राज़]]
 
* [[रंजिश ही सही दिल ही दुखाने के लिए आ  / फ़राज़]]
 
* [[क़ुर्बतों में भी जुदाई के ज़माने माँगे  / फ़राज़]]
 
* [[क़ुर्बतों में भी जुदाई के ज़माने माँगे  / फ़राज़]]
 
* [[न हरीफ़े जाँ न शरीक़े-ग़म शबे-इंतज़ार कोई तो हो / फ़राज़]]
 
* [[न हरीफ़े जाँ न शरीक़े-ग़म शबे-इंतज़ार कोई तो हो / फ़राज़]]
 
* [[न हरीफ़े जाँ न शरीक़े-ग़म शबे-इंतज़ार कोई तो हो / फ़राज़]]
 
* [[न हरीफ़े जाँ न शरीक़े-ग़म शबे-इंतज़ार कोई तो हो / फ़राज़]]
* [[ख़ामोश हो क्यों दाद-ए-ज़फ़ा क्यूँ नहीं देते / फ़राज़]]
+
* [[ख़ामोश हो क्यों दादे-ज़फ़ा क्यूँ नहीं देते / फ़राज़]]
 
* [[दिल बहलता है कहाँ अंजुम-ओ-महताब से भी  / फ़राज़]]
 
* [[दिल बहलता है कहाँ अंजुम-ओ-महताब से भी  / फ़राज़]]
 
* [[वफ़ा के बाब में इल्ज़ाम-ए-आशिक़ी न लिया / फ़राज़]]
 
* [[वफ़ा के बाब में इल्ज़ाम-ए-आशिक़ी न लिया / फ़राज़]]
 
* [[ज़ख़्म को फूल तो सरसर को सबा कहते हैं  /  फ़राज़]]
 
* [[ज़ख़्म को फूल तो सरसर को सबा कहते हैं  /  फ़राज़]]
 
* [[तेरा ग़म अपनी जगह दुनिया के ग़म अपनी जगह /  फ़राज़]]  
 
* [[तेरा ग़म अपनी जगह दुनिया के ग़म अपनी जगह /  फ़राज़]]  
* [[वह जो आ जाते थे आँखों में सितारे लेकर / फ़राज़]]
+
* [[वो जो आ जाते थे आँखों में सितारे लेकर / फ़राज़]]
* [[किसी से दिल की हिकायत कभी कहा नहीं की / फ़राज़]]
+
* [[किसी से दिल की हिक़ायत कभी कहा नहीं की / फ़राज़]]
 
* [[मुस्तक़िल महरूमियों पर भी तो दिल माना नहीं  /  फ़राज़]]
 
* [[मुस्तक़िल महरूमियों पर भी तो दिल माना नहीं  /  फ़राज़]]
 
* [[चली है शहर में कैसी हवा उदासी की  /  फ़राज़]]
 
* [[चली है शहर में कैसी हवा उदासी की  /  फ़राज़]]
पंक्ति 48: पंक्ति 48:
 
* [[ये जान कर भी कि दोनों के रास्ते थे अलग / फ़राज़]]
 
* [[ये जान कर भी कि दोनों के रास्ते थे अलग / फ़राज़]]
 
* [[वही इश्क़ जो था कभी जुनूँ उसे रोज़गार बना दिया  / फ़राज़]]
 
* [[वही इश्क़ जो था कभी जुनूँ उसे रोज़गार बना दिया  / फ़राज़]]
* [[मैं तो मक़तल में भी क़िस्मत का सिकंदर निकला  / फ़राज़]]
+
* [[मैं तो मकतल में भी / फ़राज़]]
 
* [[तुझ से मिल कर तो ये लगता है कि एक अजनबी दोस्त  / फ़राज़]]
 
* [[तुझ से मिल कर तो ये लगता है कि एक अजनबी दोस्त  / फ़राज़]]
 
* [[हुए जाते हैं क्यों ग़मख़्वार क़ातिल  / फ़राज़]]
 
* [[हुए जाते हैं क्यों ग़मख़्वार क़ातिल  / फ़राज़]]
पंक्ति 112: पंक्ति 112:
 
* [[तू किस तरह से ये एहसाँ मगर उतारेगा / फ़राज़]]
 
* [[तू किस तरह से ये एहसाँ मगर उतारेगा / फ़राज़]]
 
* [[लगी हो आग पर कोई भी घर नहीं  / फ़राज़]]
 
* [[लगी हो आग पर कोई भी घर नहीं  / फ़राज़]]
* [[गिला फज़ूल था अहद-ए-वफ़ा के होते-होते  / फ़राज़]]
+
* [[गिगिले फ़िज़ूल थे अहद-ए-वफ़ा के होते हुये / फ़राज़]]
 
* [[ग़ज़ल सुन के परेशाँ हो गए क्या  / फ़राज़]]
 
* [[ग़ज़ल सुन के परेशाँ हो गए क्या  / फ़राज़]]
 
* [[ए मेरे बेदर्द शहर  / फ़राज़]]
 
* [[ए मेरे बेदर्द शहर  / फ़राज़]]
 
* [[अफ़ई की तरह डसने लगी मौजे-नफ़स भी  / फ़राज़]]
 
* [[अफ़ई की तरह डसने लगी मौजे-नफ़स भी  / फ़राज़]]
 
* [[दिल में अब ताक़त कहाँ खूनाबा-ए-अफ़शानी करे / फ़राज़]]
 
* [[दिल में अब ताक़त कहाँ खूनाबा-ए-अफ़शानी करे / फ़राज़]]
* [[दिल भी बुझा हो शाम की परछाइयाँ भी हो  / फ़राज़]]
+
* [[दिल भी बुझा हो, शाम की परछाईयाँ भी हों / फ़राज़]]
 
* [[नहीं कि नामाबरों को तलाश करते हैं / फ़राज़]]
 
* [[नहीं कि नामाबरों को तलाश करते हैं / फ़राज़]]
 
* [[मुसफिरत में भी तस्वीर घर की देखते हैं  / फ़राज़]]
 
* [[मुसफिरत में भी तस्वीर घर की देखते हैं  / फ़राज़]]

18:57, 21 दिसम्बर 2010 के समय का अवतरण

ज़िंदगी ! ऐ ज़िंदगी !
Zindgi-e-zindgi1..JPG
रचनाकार अहमद फ़राज़
प्रकाशक वाणी प्रकाशन, 21- ए , दरिया गंज नई दिल्ली 110002
वर्ष 2008
भाषा हिन्दी
विषय
विधा ग़ज़ल
पृष्ठ 135
ISBN 978-81-8143-680-1
विविध
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।