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वो मेरी आँख में ख़ुशरंग ख़्वाब छोड़ गया / कुमार अनिल
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09:40, 31 दिसम्बर 2010
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|रचनाकार=कुमार अनिल
|संग्रह=और कब तक चुप रहें / कुमार अनिल
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<poem>वो मेरी आँख में खुशरंग ख़्वाब छोड़ गया
उजाड़ कब्र पे ताजा गुलाब छोड़ गया
Shrddha
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