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जबानबंदी का शाहंशाही एलान
खुदगर्ज शैतान ने
जनाब इंसान को दिया
इसलिए दिया
न तकदीर की चले आँधी
न जुल्म का बुझे दिया
रचनाकाल: ०६-१०-१९६५