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"जीना / केदारनाथ अग्रवाल" के अवतरणों में अंतर

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11:46, 14 जनवरी 2011 के समय का अवतरण

जीना
यह नहीं हुआ
जीना
जिसको तुम
कहते हो
जीना।
इशरत से
फितरत से
महफिल के
मौसम में
जीना।

शोषण के
पोषण में
चक्कर से
मक्कर से
जीना
इसे नहीं
कहते हैं
जीना।

रचनाकाल: १७-११-१९७५, रात