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वार्ता:लाठी में गुण बहुत हैं / गिरिधर
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10:43, 14 जनवरी 2011
लाठी में गुण बहुत हैं, सदा रखिये संग ।
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गहरि , नदी , नाली जहाँ, तहां बचावे अंग ।।
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तहां बचावे अंग, झपटि कुत्ता कहँ मारै ।
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Vaibhav Kumar Nain
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