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"जंगल और जड़ / नीलेश रघुवंशी" के अवतरणों में अंतर
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इमारत के ऊपर इमारत
खाई के नीचे खाई
दूर-दूर तक फैला कांक्रीट का जंगल
आएगा एक दिन ऐसा आएगा
जब हमें हमारी ज़मीन मिलेगी वापस
सीमेंट की टंकी में पानी पीती चिड़िया से
कहा पीपल की फूटती जड़ ने
मंगलवार, 5 अप्रैल 2005, भोपाल