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"चाहे सुनो शास्त्रीय संगीत / हेमन्त शेष" के अवतरणों में अंतर
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या करो शोक | या करो शोक | ||
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वह आत्मा ही सब चीज़ों में नहीं | वह आत्मा ही सब चीज़ों में नहीं | ||
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जो धड़कती थी पवित्रता में | जो धड़कती थी पवित्रता में | ||
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ज़िन्दगी को जीने लायक बना सकती | ज़िन्दगी को जीने लायक बना सकती | ||
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11:46, 17 जनवरी 2011 के समय का अवतरण
चाहे सुनो शास्त्रीय संगीत
या करो शोक
वह आत्मा ही सब चीज़ों में नहीं
जो धड़कती थी पवित्रता में
और
ज़िन्दगी को जीने लायक बना सकती